लाल किला: स्वतंत्रता और इतिहास का प्रतीक, जहां हर साल फहराया जाता है तिरंगा।
दिल्ली स्थित लाल किला भारत का एक ऐतिहासिक और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो अपनी भव्यता और सुंदरता के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। लाल बलुआ पत्थर से बने इस किले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने 1639 से 1648 के बीच कराया था। इसे उस समय के मशहूर वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने डिजाइन किया था। यमुना नदी के किनारे स्थित यह किला लगभग 200 वर्षों तक मुगल साम्राज्य की सत्ता का केंद्र रहा।
लाल किले की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को देखते हुए, इसे 2007 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया। यह किला न केवल भारत की समृद्ध मुगल वास्तुकला का उदाहरण है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक भी है। देश की आजादी के बाद, 15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसी किले पर तिरंगा फहराया था। तभी से हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वजारोहण कर देश को संबोधित करते हैं।
लाल किला आज भी भारत के स्वतंत्रता संग्राम, गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बना हुआ है। यह किला न केवल देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता का प्रतीक होने के नाते, हर भारतीय के दिल में विशेष स्थान रखता है।।