संघीय ढांचे में राज्यों का गठन और उनके क्षेत्रीय बदलाव: भारतीय संविधान का दृष्टिकोण।
भारत एक संघीय ढांचे वाला देश है, जिसमें वर्तमान में 29 राज्य और 7 केन्द्र-शासित प्रदेश शामिल हैं। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 यह स्पष्ट करता है कि भारत राज्यों का संघ होगा। इसमें यह भी बताया गया है कि राज्यों और उनके क्षेत्रीय सीमाएं, संविधान की पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।
अनुच्छेद 2 के अनुसार, भारतीय संसद को यह अधिकार दिया गया है कि वह नए राज्यों का गठन कर सके या किसी राज्य को संघ में प्रवेश दिला सके।
संसद यह कार्य विधि द्वारा, उचित निबंधनों और शर्तों के आधार पर करती है।
अनुच्छेद 3 में संसद को यह शक्ति प्रदान की गई है कि वह किसी भी राज्य की सीमाओं, नामों, या क्षेत्रों में बदलाव कर सके। इसका मतलब है कि संसद नए राज्यों का निर्माण कर सकती है और मौजूदा राज्यों के भूगोल में भी बदलाव कर सकती है।
संविधान के ये अनुच्छेद भारत के संघीय ढांचे को मजबूत और लचीला बनाते हैं, जिससे समय के साथ जरूरत के अनुसार राज्यों के गठन और उनके क्षेत्रीय बदलाव संभव हो पाते हैं।
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