वैदिक सभ्यता क्या है ?
पुरे उत्तर- पश्चिम भारत में आर्यो ने एक नई सभ्यता की शुरुआत की जिसे वैदिक सभ्यता कहते है | वैदिक सभ्यता को दो भागो में बांटा गया है।
पहला ऋग्वैदिक सभ्यता जो ( 1500-1000 ) ई. तक था , दूसरा उत्तरवैदिक सभ्यता जो ( 1000 - 600 BC ) तक था | इस सभ्यता को वैदिक सभ्यता इसलिए कहा गया क्योकि इसका सर्वाधिक स्त्रोत वेदो से प्राप्त होती है। सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद है , इसे दस मंडलो में विभक्त किया गया है , इसमें 1028 सूक्त तथा 10580 ऋचाये है।
उत्तरवैदिक काल में सामवेद , यजुर्वेद और अथर्ववेद आ जाते है | सबसे नवीन वेद अथर्ववेद को मना जाता है।
आर्य का शाब्दिक अर्थ श्रेस्ट होता है। आर्यो के आगमन पर बहुत से विचारको का अलग - अलग मत है , मैक्समूलर के अनुसार आर्य मध्य एशिया से आये थे , बाल गंगाधर के अनुसार उत्तरी ध्रुब से और स्वामी विवेकानंद के अनुसार आर्य तिब्बत से आये थे।।