राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार। Maulana Abul Kalam Azad Trophy.
मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी, जिसे 1956-57 में शुरू किया गया था, भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच खेलों में उत्कृष्टता को सम्मानित करने वाला एक महत्वपूर्ण पुरस्कार है। यह एक "चल वैजती" (rolling trophy) है, जिसे हर साल उस विश्वविद्यालय को प्रदान किया जाता है जिसने "अंतर विश्वविद्यालय" (inter-university) टूर्नामेंट्स में सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन किया हो।
ट्रॉफी को पुनः जीतने वाले विश्वविद्यालय को एक प्रतिकृति भी दी जाती है, जो उनके निरंतर खेल कौशल और उत्कृष्टता का प्रतीक होती है।
इसके साथ ही, विजेता विश्वविद्यालय को 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है।
प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल करने वाले विश्वविद्यालय को 5 लाख रुपये और तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले को 3 लाख रुपये की नकद राशि प्रदान की जाती है।
यह पुरस्कार भारतीय विश्वविद्यालयों में खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी ने न केवल खेलों में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया है, बल्कि विश्वविद्यालय स्तर पर शारीरिक और मानसिक विकास को भी बढ़ावा दिया है।।