विश्व व्यापार संगठन। World Trade Organization (WTO).
परिचय: विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) या WTO की स्थापना 1 जनवरी 1995 को की गई थी। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाना और विश्व स्तर पर व्यापारिक विवादों को सुलझाने के लिए एक मंच प्रदान करना है। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है। WTO के तहत सदस्य देश व्यापारिक नीतियों के मामले में पारदर्शिता, निष्पक्षता, और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।
स्थापना और इतिहास:
WTO की जड़ें 1994 में मोरक्को के मर्राकेश में पारित किए गए 28 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौतों में हैं, जिन्हें "उरुग्वे दौर की वार्ता" के दौरान तय किया गया था। ये समझौते वैश्विक व्यापार को उदार बनाने और व्यापारिक विवादों को शांतिपूर्वक सुलझाने के उद्देश्य से बनाए गए थे। WTO का उद्देश्य व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना, व्यापारिक टैरिफ को कम करना, और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देना है।
सदस्यता और मंत्रीस्तरीय सम्मेलन:
विश्व व्यापार संगठन का पहला मंत्रिस्तरीय सम्मेलन दिसंबर 1996 में सिंगापुर में आयोजित किया गया था, जिसने संगठन के लक्ष्यों को स्पष्ट करने और सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का काम किया। इसके बाद, नवंबर 2001 में दोहा सम्मेलन में चीन को WTO का सदस्य बनाया गया, जो संगठन के विस्तार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। वर्तमान में WTO के 161 सदस्य देश हैं, जो इसे दुनिया के अधिकांश देशों को शामिल करने वाला संगठन बनाते हैं।
WTO की संरचना:
WTO के अंतर्गत कई परिषदें और समितियां काम करती हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से जुड़े विभिन्न मुद्दों का समाधान करती हैं। इनमें प्रमुख रूप से व्यापारिक नीतियों, व्यापारिक बाधाओं, और विवाद समाधान से संबंधित समितियां शामिल हैं। WTO के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक समझौतों का पालन सुनिश्चित किया जाता है, ताकि सभी सदस्य देशों को व्यापार में समान अवसर मिल सकें।
वर्तमान नेतृत्व:
ब्राजील के राबर्ट अजबेडो वर्तमान में विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक हैं। उनके नेतृत्व में संगठन ने कई वैश्विक व्यापारिक सुधारों को लागू करने की दिशा में काम किया है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बन सके।
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