16 साल की भूख हड़ताल, मणिपुर की आयरन लेडी इरोम चानू शर्मिला की अद्वितीय लड़ाई।
इरोम चानू शर्मिला, जिन्हें "मणिपुर की आयरन लेडी" और "मेंगौबी" के नाम से जाना जाता है, ने दुनिया की सबसे लंबी भूख हड़ताल की, जो 16 साल तक चली। उन्होंने यह हड़ताल मणिपुर में लागू सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम 1958 (AFSPA) के खिलाफ शुरू की थी। यह कानून अशांत क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को व्यापक अधिकार देता है, जैसे किसी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ़्तार करना, तलाशी लेना और यहां तक कि मारने का भी अधिकार।
इरोम की हड़ताल 5 नवंबर 2000 को शुरू हुई, जब मणिपुर के मालोम शहर में एक घटना के बाद असम राइफल्स के जवानों ने बस स्टॉप पर इंतजार कर रहे 10 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना को "मालोम नरसंहार" के नाम से जाना जाता है। इस अमानवीय घटना के विरोध में इरोम ने अपनी भूख हड़ताल शुरू की और घोषणा की कि वे तभी अपना उपवास तोड़ेंगी, जब AFSPA को हटाया जाएगा।
उनकी इस लंबी हड़ताल के दौरान, उन्हें कई बार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया और ज़बरदस्ती नाक के ज़रिए भोजन दिया गया।
इस वजह से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा "अंतरात्मा की कैदी" घोषित किया गया। 2016 में, इरोम ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त की, लेकिन उनकी लड़ाई ने उन्हें मानवाधिकार और अहिंसात्मक संघर्ष का प्रतीक बना दिया।
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