पंचायती राज : पंचायती राज भारतीय संविधान के भाग - 9 में वर्णित है।
पंचायती राज भारतीय संविधान के भाग - 9 में वर्णित है। इसके जनक बलवंत राय मेहता को कहा जाता है। भारत में सबसे पहले इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 1959 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा नागौर जिला (राजस्थान) में हुआ था। पंचायती राज का शाब्दिक अर्थ है पांच की सभा, अर्थात ये सभाएँ व्यक्ति और गांवो के बीच आपसी विवादों को सुलझाने का प्रयाश करती है। यह व्यवस्था भारत के आलावा नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा श्रीलंका में पाया जाता है।
भारत में पंचायती राज व्यवस्था एक ग्रामीण स्तरीय व्यवस्था है जो भारत सरकार की सबसे पुरानी व्यवस्था में से एक मानी जाती है। इसका ऐतिहासिक स्त्रोत लगभग 250 ईसा पूर्व तक मिलता है। इसमें स्थानीय निवासी द्वारा चुने गए शिक्षित, ईमानदार तथा सम्मनित व्यक्ति को शामिल किया जाता है।
पंचायती राज व्यवस्था एक त्रिस्तरीय व्यवस्था होती है, गांव स्तर पर ग्राम पंचायत , ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति तथा जिला स्तर पर जिला परिषद् होते है, इन सभी स्तरो पर चुनाव प्रत्येक पांच वर्ष पर होता है। ग्राम पंचायत का मुखिया या प्रधान सरपंच को कहा जाता है।
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